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Wednesday, September 17, 2025

मदरसा आयशा लिल्बनात में हुई अम्नुर की मौत पर प्रशासन की चुप्पी – न्याय की उम्मीद में परिजन पहुँचे पूर्व विधायक अमित मंडल के पास


गोड्डा।
महागामा क्षेत्र के कस्बा स्थित मदरसा आयशा लिल्बनात में 28 तारीख को हुई दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। भागलपुर जिले के सन्हौला प्रखंड के गाँव कुशाहापुर की रहने वाली अम्नुर नामक एक नाबालिग छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना को कई सप्ताह बीत चुके हैं, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई या रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।

मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्हें हर जगह से सिर्फ आश्वासन मिला है। पीड़ित पिता दर-दर न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज़ अब तक अनसुनी की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारी हाल ही में उनसे मिलने पहुँचे जरूर, परंतु रिपोर्ट और कार्रवाई का कोई ठोस संकेत नहीं मिला। इससे परिजनों और स्थानीय लोगों में गहरा रोष व्याप्त है।

आज न्याय की तलाश में परिजन गोड्डा के पूर्व विधायक अमित मंडल से मिलने पहुँचे। उन्होंने विधायक को बताया कि “हमारी बेटी की मौत को महीनों बीत गए, परंतु न पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, न दोषियों पर कार्रवाई हुई। हर जगह से केवल आश्वासन मिलता है, लेकिन न्याय की कहीं कोई झलक नहीं दिख रही।”

पूर्व विधायक अमित मंडल ने पीड़ित परिवार से मिलकर उनकी पीड़ा को सुना और कहा,

“यह मामला बेहद गंभीर है। यह केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज की संवेदनशीलता का सवाल है। यदि प्रशासन चुप रहेगा तो लोगों का विश्वास टूट जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही घटना की सच्चाई सामने आएगी, लेकिन महीनों तक रिपोर्ट का सार्वजनिक न होना सवाल खड़े करता है। हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं और न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएँगे।”

उन्होंने आगे कहा कि यह मुद्दा विधानसभा से लेकर उच्च स्तर तक उठाया जाएगा। साथ ही, यदि जरूरत पड़ी तो प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलकर प्रशासन से सीधे संवाद कर न्याय की प्रक्रिया तेज़ की जाएगी।

परिजनों ने बताया कि अम्नुर की मौत ने उनके परिवार को अंदर तक तोड़ दिया है। उसके पिता ने कहा,

“हमारी बेटी का चेहरा अभी भी आँखों के सामने है। हर दिन एक नई पीड़ा लेकर आता है। हम अधिकारियों के पास गए, परंतु हमें सिर्फ आश्वासन मिला। अब हम बस सच सामने आने का इंतजार कर रहे हैं। हमें डर है कि कहीं यह मामला दबा न दिया जाए।”

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना पर प्रशासन की चुप्पी को लेकर कड़ी नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा कि मदरसे की व्यवस्था और सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। कई लोग अब खुलकर कह रहे हैं कि यह सामान्य हादसा नहीं हो सकता और इसकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है।

पूर्व विधायक अमित मंडल ने इस दौरान स्पष्ट कहा,

“हम सब मिलकर आवाज उठाएँगे। दोषियों को बचाने की कोई कोशिश सफल नहीं होगी। शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन का पहला दायित्व है। सच्चाई सामने लानी होगी और न्याय देना होगा।”

इस पहल के बाद क्षेत्र में न्याय की उम्मीद और समर्थन की लहर तेज़ हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अब उनकी आवाज़ सुनाई दे रही है और प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ेगा। वहीं, पीड़ित परिवार ने उम्मीद जताई कि जल्द ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू होगी।


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