“नेपाल संकट के बीच तिब्बत में फंसे सैकड़ों कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्री, विदेश मंत्रालय से लौटने की मदद की गुहार”

 हमें नहीं पता आगे क्या होगा’ – नेपाल में अस्थिरता के बीच तिब्बत में फंसे तीर्थयात्री, MEA से मदद की अपील”

नेपाल में जारी राजनीतिक संकट के कारण तिब्बत में फंसे सैकड़ों भारतीय कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों ने विदेश मंत्रालय से सहायता की गुहार लगाई है। यह तीर्थयात्रा इस वर्ष फिर से शुरू हुई थी, लेकिन नेपाल में चल रहे प्रदर्शनों और अव्यवस्थाओं के कारण यात्रा प्रभावित हो गई है।

लखनऊ के चिकित्सक डॉ. सुजय सिद्धान ने बताया कि वे वर्षों से इस यात्रा का सपना देख रहे थे, लेकिन नेपाल में हो रहे प्रदर्शनों के कारण वे तिब्बत के एक छोटे से कस्बे में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा, "हमें नहीं पता कि हमारे साथ क्या होगा।" कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए इस वर्ष 750 तीर्थयात्रियों का चयन किया गया था, जो उत्तराखंड और सिक्किम के दो मार्गों के माध्यम से यात्रा कर रहे हैं। 

भारतीय दूतावास ने एक सलाह जारी की है, जिसमें तीर्थयात्रियों से कहा गया है कि वे नेपाल में हो रहे प्रदर्शनों और अव्यवस्थाओं के कारण सतर्क रहें और आवश्यक सावधानियां बरतें। इस सलाह में यह भी कहा गया है कि भारतीय नागरिकों को नेपाल में हो रही घटनाओं के बारे में सूचित रहना चाहिए और यात्रा के दौरान किसी भी असुविधा से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। 

बेंगलुरु के तीर्थयात्री रजनी मस्की और रघुवीर यादवगल ने बताया कि काठमांडू हवाई अड्डे पर अत्यधिक भीड़ और सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि एक चार्जिंग प्वाइंट पर 1,000 से अधिक लोग थे, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई। 

विदेश मंत्रालय ने तीर्थयात्रियों से कहा है कि वे यात्रा से पहले नेपाल में हो रही घटनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें और आवश्यक सावधानियां बरतें। उन्होंने यह भी कहा कि तीर्थयात्रियों को यात्रा के दौरान किसी भी असुविधा से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने तीर्थयात्रियों से कहा है कि वे यात्रा से पहले नेपाल में हो रही घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के कारण परिस्थितियाँ असुरक्षित हैं। ऐसे में यात्रा पर निकलने से पहले स्थानीय प्रशासन, भारतीय दूतावास और आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लेकर ही आगे बढ़ें। साथ ही, मंत्रालय ने तीर्थयात्रियों को आवश्यक सावधानियाँ बरतने की सलाह दी है, जैसे कि अनावश्यक भीड़ से बचना, अपने दस्तावेज़ सुरक्षित रखना, संपर्क नंबर साथ रखना और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत भारतीय दूतावास से संपर्क करना।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि यात्रा के दौरान यदि कोई समस्या आती है तो वे सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं, लेकिन तीर्थयात्रियों को स्वयं भी सावधानी बरतनी होगी। उन्होंने तीर्थयात्रियों से अपील की कि वे यात्रा के दौरान संयम और धैर्य बनाए रखें, अफवाहों से दूर रहें, और आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय अधिकारियों से सहयोग लें। यात्रा से पहले स्वास्थ्य की जाँच कराना, आवश्यक दवाइयाँ साथ रखना और संचार उपकरण चार्ज रखना भी महत्वपूर्ण बताया गया है।

इस संबंध में भारतीय दूतावास ने नेपाल स्थित नागरिकों और यात्रियों को समय-समय पर अपडेट साझा करने का आश्वासन दिया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि स्थिति सामान्य होने पर यात्रा फिर से सुचारु रूप से शुरू की जाएगी। तब तक सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर रहकर अपने स्वास्थ्य और संपर्क को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है।

इस तरह विदेश मंत्रालय ने तीर्थयात्रियों से यात्रा से पहले सावधानी बरतने, आवश्यक जानकारी प्राप्त करने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता लेने का अनुरोध किया है, ताकि संकट की इस घड़ी में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

प्रमुख तस्वीरें हैं जो नेपाल संकट के बीच तिब्बत में फंसे कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों की स्थिति को दर्शाती हैं:

  1. कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्री नेपाल में फंसे
    यह तस्वीर उन तीर्थयात्रियों की है जो नेपाल में फंसे हुए हैं। यहां के हालात में सुधार की आवश्यकता है।



  2. नेपाल में फंसे तीर्थयात्री
    यह तस्वीर उन तीर्थयात्रियों की है जो नेपाल में फंसे हुए हैं। यहां के हालात में सुधार की आवश्यकता है।

  3. सिक्किम से कैलाश मानसरोवर यात्रा
    यह तस्वीर सिक्किम से कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान की है। यह यात्रा नेपाल के माध्यम से होती है। नेपाल संकट के कारण तिब्बत में फंसे तीर्थयात्रियों की स्थिति कितनी गंभीर है। विदेश मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों से उनकी शीघ्र सुरक्षित वापसी की उम्मीद की जाती है।



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