पटना में डायल-112 ड्राइवरों का तिरंगा प्रदर्शन, समान वेतन और राज्यकर्मी दर्जे की मांग पर हड़ताल तेज |

पटना: हाथों में तिरंगा लेकर सड़कों पर उतरे डायल-112 के ड्राइवर, सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

पटना, 2025: बिहार की राजधानी पटना में डायल-112 सेवा से जुड़े ड्राइवरों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। ज्यादातर पूर्व सैनिकों से बने ये ड्राइवर पिछले नौ दिनों से हड़ताल पर हैं और मंगलवार को उन्होंने तिरंगा यात्रा निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। ड्राइवरों ने वेतन वृद्धि, पहचान पत्र, साप्ताहिक छुट्टी, और राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग दोहराई। उनका आरोप है कि लंबे समय से वादे किए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई समाधान नहीं निकला। अब तक सेवा में 15 जवानों की मौत हो चुकी है, जिससे ड्राइवरों में गहरा रोष है।

तिरंगा यात्रा और नारेबाजी 

मंगलवार को बड़ी संख्या में डायल-112 के ड्राइवरों ने गर्दनीबाग से कारगिल चौक तक तिरंगा यात्रा निकाली। हाथों में तिरंगा लेकर उन्होंने “बिहार सरकार होश में आओ”, “बिहार सरकार शर्म करो” जैसे नारे लगाए। आंदोलन में शामिल अधिकांश ड्राइवर पूर्व सैनिक हैं, जो कठिन परिस्थितियों में सेवा देने के बावजूद सरकारी उपेक्षा का सामना कर रहे हैं।

संगठन के नेताओं ने स्पष्ट कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।

ड्राइवरों की मुख्य मांगें

✔ वेतन वृद्धि और समय पर भुगतान

✔ पहचान पत्र व सेवा सुरक्षा

✔ साप्ताहिक छुट्टी और स्वास्थ्य सुविधाएँ

✔ राज्यकर्मी का दर्जा और बीमा योजना

✔ सेवा में मारे गए जवानों के परिवारों को सहायता

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष चन्दन कुमार ने कहा,


"हमें लगातार सिर्फ आश्वासन मिला है। न तो वेतन बढ़ा, न सुविधाएँ दी गईं। अब आंदोलन पूरे बिहार में फैल चुका है। अलग-अलग जिलों से पूर्व सैनिक पटना पहुँच रहे हैं। बुधवार से पूरे राज्य में काम बंद कर दिया जाएगा। कोई भी पूर्व सैनिक जो डायल-112 में चालक है, ड्यूटी पर नहीं जाएगा। पूरी तरह से चक्का जाम रहेगा।"

राज्यभर में आंदोलन फैलने की संभावना

चन्दन कुमार ने यह भी बताया कि आंदोलन अब सिर्फ पटना तक सीमित नहीं रहेगा। राज्य के विभिन्न जिलों से पूर्व सैनिक पटना पहुँचे हैं और जल्द ही पूरे बिहार में डायल-112 सेवा ठप हो सकती है। इससे आपातकालीन सेवा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

सरकार की चुप्पी पर सवाल

ड्राइवरों का आरोप है कि सरकार ने बार-बार आश्वासन देकर उन्हें भरोसे में लिया, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई पहल नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सेवा में काम करते हुए कई जवानों की मौत हो चुकी है, फिर भी उनके परिवारों की मदद नहीं की गई।

आपातकालीन सेवाओं पर असर

डायल-112 सेवा राज्य की आपातकालीन मदद का मुख्य आधार है। ड्राइवरों की हड़ताल के चलते दुर्घटना, स्वास्थ्य आपातकाल और सुरक्षा सेवाओं में मदद पाने वाले लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने सेवा प्रभावित होने से रोकने के लिए विकल्प तलाशे हैं, लेकिन स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।


पटना में डायल-112 ड्राइवरों का आंदोलन सिर्फ वेतन या सुविधाओं का मामला नहीं है, बल्कि यह सेवा में लगे पूर्व सैनिकों की उपेक्षा और उनके अधिकारों का सवाल है। यदि समय रहते सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती तो पूरे राज्य में आपातकालीन सेवाएँ प्रभावित हो सकती हैं। आंदोलन का स्वर तेज होता जा रहा है और यह बिहार सरकार के लिए चुनौती बन गया है।

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