मोंथा चक्रवात से किसानों के फसल नुकसान पर सरकार सक्रिय, सीएम हेमंत सोरेन और मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने लिया हालात का जायजा

Jharkhand CM Hemant Soren and Minister Shilpi Neha Tirkey farmers visit Deoghar

झारखंड में हाल ही में आए मोंथा चक्रवात ने राज्य के कई जिलों में किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण खेतों में लगी धान, सब्जी और दालों की फसलें बर्बाद हो गईं। इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने तुरंत राहत और सहायता की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज देवघर जिले के सारवां प्रखंड के जियाखारा पंचायत अंतर्गत रामपुर गांव का दौरा किया और प्रभावित किसानों से मुलाकात की। उन्होंने फसल क्षति का जायजा लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि नुकसान का सटीक आकलन कर किसानों को शीघ्र राहत राशि प्रदान की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “यह एक प्राकृतिक आपदा है जो किसी के नियंत्रण में नहीं है। न किसान इसे रोक सकते हैं और न ही कोई सरकार। लेकिन हमारी गठबंधन सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और मुआवजा दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक लगभग 13 लाख किसानों का निबंधन कराया है। जिन किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं, वे टोल फ्री नंबर 14447 पर कॉल कर अपनी क्षति की जानकारी दे सकते हैं। किसानों के नुकसान का आकलन पूरा होने के बाद उन्हें मुआवजा राशि का लाभ दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जो किसान फसल बीमा के तहत निबंधन नहीं करा पाए हैं, वे भी अंचल कार्यालय में आवेदन देकर आपदा प्रबंधन विभाग से राहत राशि के पात्र बन सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी किसान को सहायता राशि से वंचित न किया जाए।

Jharkhand CM Hemant Soren and Minister Shilpi Neha Tirkey farmers visit Deoghar

इस बीच राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने भी आज देवघर में प्रभावित किसानों और ग्रामीणों से मुलाकात की। उन्होंने现场 (स्थान पर) जाकर फसल नुकसान की वास्तविक स्थिति देखी और किसानों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार जल्द से जल्द उनकी समस्याओं का समाधान करेगी।

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा — “सरकार किसानों के साथ है। हमने संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि फसल क्षति का सर्वे तुरंत पूरा किया जाए। मोंथा चक्रवात से प्रभावित हर किसान को उसका हक और राहत राशि समय पर मिले, यह हमारी प्राथमिकता है।”

उन्होंने यह भी बताया कि कृषि विभाग ने सभी जिलों से फसल क्षति रिपोर्ट मांग ली है और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाया जा रहा है। साथ ही, पशुपालन विभाग को भी निर्देश दिया गया है कि जिन किसानों के पशुधन को नुकसान पहुंचा है, उन्हें अलग से राहत प्रदान की जाए।

मंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार दीर्घकालिक कृषि सुधार योजनाओं पर काम कर रही है, ताकि भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को कम नुकसान हो। राज्य में सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई, फसल बीमा कवरेज और जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री दोनों ने कहा कि मोंथा चक्रवात जैसी प्राकृतिक विपदाओं में किसान अकेले नहीं हैं — पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है। आने वाले दिनों में सरकार हर प्रभावित प्रखंड में विशेष राहत शिविर आयोजित करेगी ताकि किसानों को आर्थिक और तकनीकी सहायता तुरंत मिल सके।

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देवघर दौरे के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और कृषि विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने किसानों से संवाद करते हुए कहा कि “किसानों का दर्द हमारा दर्द है। झारखंड की मिट्टी मेहनतकश किसानों की ताकत से ही फल-फूल रही है, और हम इसे सुरक्षित रखने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।”

— रिपोर्ट: अवतार न्यूज़,