“बसंतराय क्षेत्र में शिक्षा और पोषण संकट – बच्चों का भविष्य दांव पर”
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बसंतराय क्षेत्र के सरकारी स्कूलों और मदरसों में शिक्षा और पोषण की स्थिति बेहद खराब हो गई है। अधिकांश स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या कम है, कई जगह तो बच्चों की उपस्थिति लगभग न के बराबर है। शिक्षकों की उपस्थिति भी अनियमित बताई जा रही है, जिससे पढ़ाई बाधित हो रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि मध्यान भोजन योजना के तहत मिलने वाला भोजन भी सही तरीके से नहीं दिया जा रहा। निर्धारित मीनू के अनुसार बच्चों को विविध और पौष्टिक भोजन मिलना चाहिए, लेकिन कई स्कूलों में सिर्फ आलू-भात जैसे साधारण व्यंजन पर ही भोजन चल रहा है। इससे बच्चों को आवश्यक पोषण नहीं मिल पा रहा, जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा बन रहा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस गंभीर स्थिति की जानकारी होने के बावजूद संबंधित पदाधिकारी चुप हैं और कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया जा रहा। बच्चों के अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और मीनू के अनुसार भोजन उपलब्ध कराया जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षा बच्चों का अधिकार है और पोषण उनकी बुनियादी जरूरत। दोनों में कमी आने से बच्चों का स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और भविष्य प्रभावित होगा। यदि इस समस्या की अनदेखी की गई तो आने वाले समय में क्षेत्र में स्कूलों से बच्चों का जुड़ाव कम हो सकता है।
स्थानीय समाज, अभिभावकों और प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि मिलकर इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाए और बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा व भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।