महागामा: हन्वारा में थाना भवन निर्माण को लेकर ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना – आमरण अनशन जारी
महागामा प्रखंड के हन्वारा क्षेत्र में थाना भवन निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन और आमरण अनशन शुरू कर दिया है। अनशन पर बैठे ग्रामीणों का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा है, लेकिन वे अपनी मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि थाना भवन हन्वारा में ही बने, क्योंकि यह क्षेत्र प्रशासनिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान में हन्वारा में ही एक पुराना थाना भवन चल रहा है। सवाल उठाया जा रहा है कि जब पहले से यहाँ थाना संचालित है तो नए भवन के लिए किसी दूसरे गाँव की जमीन क्यों चिन्हित की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इससे क्षेत्र की सुरक्षा प्रभावित होगी और अपराध बढ़ सकते हैं।
हन्वारा क्षेत्र बिहार सीमा से सटा हुआ है। यहाँ पिछले कई वर्षों से चेकिंग अभियान के दौरान अवैध गतिविधियों में लिप्त लोग पकड़े जाते रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि थाना भवन हन्वारा से हटाकर किसी दूसरे गाँव में बनाया गया तो अपराधियों और तस्करों को बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल सुरक्षा खतरे में पड़ेगी, बल्कि क्षेत्र की शांति भी प्रभावित होगी।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि थाने का निर्माण हन्वारा में ही कराया जाए ताकि क्षेत्र की सुरक्षा, कानून व्यवस्था और प्रशासनिक पहुँच बेहतर बनी रहे।
धरना स्थल पर तनाव, अनशनधारियों की तबीयत बिगड़ी – प्रशासन पर सवाल
धरना स्थल पर हन्वारा के ग्रामीण बड़ी संख्या में जुटे हैं। महिलाएँ, युवा, बुज़ुर्ग सभी इस आंदोलन में भाग ले रहे हैं। आमरण अनशन कर रहे कई ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ने लगी है। डॉक्टरों को बुलाकर प्राथमिक स्वास्थ्य जांच कराई गई, लेकिन ग्रामीणों ने कहा कि वे तब तक आंदोलन नहीं छोड़ेंगे जब तक थाना भवन हन्वारा में ही निर्माण शुरू नहीं होता।
धरना स्थल पर मौजूद एक अनशनधारी ने बताया, “हमारी जमीन पहले से चिन्हित थी। हम चाहते हैं कि थाना यहाँ बने ताकि हमारी सुरक्षा बनी रहे। बिहार बॉर्डर से सटा यह इलाका पहले से अपराधियों की गतिविधियों से प्रभावित है। यहाँ थाना रहने से चेकिंग अभियान में मदद मिलती है। अगर थाना यहाँ नहीं बनेगा तो अपराध और बढ़ेगा। हम अपनी सुरक्षा को दांव पर नहीं लगने देंगे।”
महिलाओं ने भी प्रशासन से न्याय की मांग की। कई महिलाओं ने कहा कि बच्चों और परिवार की सुरक्षा के लिए थाना हन्वारा में होना जरूरी है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी वर्षों से वादे करते आ रहे हैं, पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे।
प्रशासन की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने सिर्फ यही कहा है कि “मामले पर विचार किया जा रहा है,” लेकिन ग्रामीण इसे टालमटोल बता रहे हैं।
धरना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि वे जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, आंदोलन जारी रखेंगे। साथ ही क्षेत्रीय लोगों ने अन्य गाँवों से भी समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है।
आंदोलन तेज होने की संभावना – समाधान की राह तलाशने की मांग
हन्वारा में जारी अनिश्चितकालीन धरना और आमरण अनशन अब क्षेत्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है। अनशनधारियों का कहना है कि यदि प्रशासन उनकी मांगों को अनदेखा करेगा तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। आसपास के गाँवों से भी समर्थन जुटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे आंदोलन बड़े रूप ले सकता है।
ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि यह केवल भवन निर्माण का मुद्दा नहीं है, बल्कि क्षेत्र की सुरक्षा और बच्चों, महिलाओं तथा परिवारों की भलाई से जुड़ा सवाल है। बिहार सीमा से सटे इस क्षेत्र में थाना भवन की उपस्थिति से अपराध पर नियंत्रण संभव है। ग्रामीणों का मानना है कि यदि थाना किसी दूरस्थ गाँव में बना तो अपराधियों के हौसले बढ़ेंगे और पुलिस की पहुँच भी सीमित हो जाएगी।
स्थानीय समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि:
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थाना भवन निर्माण के लिए हन्वारा में उपलब्ध भूमि पर कार्य शीघ्र शुरू कराया जाए।
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अनशनधारियों से वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाए।
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सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त पुलिस बल और चेकिंग अभियान को सुदृढ़ किया जाए।
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विद्यालयों, स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य सुविधाओं को भी ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय विकास योजना बनाई जाए।
विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीणों की यह मांग न्यायसंगत है। प्रशासन यदि समय रहते हस्तक्षेप करेगा तो न केवल सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि जनता का विश्वास भी प्रशासन में बढ़ेगा। वहीं, समस्या को टालने से असंतोष और आंदोलन बढ़ने की आशंका है।
ग्रामीणों का कहना है कि “यह लड़ाई किसी व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और भविष्य को लेकर है। हम चाहते हैं कि प्रशासन हमारी बात सुने और तुरंत समाधान की दिशा में कदम उठाए।”

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