बसंतराय में अजूबा काम: देर रात 11 बजे तक हॉस्पिटल का छत ढलाई, इंजीनियर का जवाब संदिग्ध — बच्चों से भी कराया जा रहा काम
बसंतराय प्रखंड मुख्यालय स्थित निर्माणाधीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के काम को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। गुरुवार की रात लगभग 11 बजे तक अस्पताल भवन की छत की ढलाई की जा रही थी। यह दृश्य देखकर स्थानीय लोग हैरान रह गए क्योंकि सरकारी भवनों का कार्य आम तौर पर दिन के समय में ही किया जाता है, ताकि काम की गुणवत्ता की निगरानी की जा सके।
ग्रामीणों के अनुसार, जब अधिकांश सरकारी कर्मी अपने घर जा चुके थे, उस समय भी स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण स्थल पर काम जारी था। ट्रैक्टर की आवाज़ें, मिक्सर मशीन की गड़गड़ाहट और मजदूरों की हलचल देर रात तक जारी रही। लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, पहले भी यहाँ कई बार देर रात में ढलाई कराई गई है। आश्चर्य की बात यह है कि प्रखंड मुख्यालय जैसे संवेदनशील इलाके में यह सब खुलेआम हो रहा था, फिर भी कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि वहाँ नहीं पहुँचे।
जब इस बाबत कार्य स्थल पर मौजूद मुंशी से पूछा गया तो उसने बताया कि “इंजीनियर तो शाम 5 बजे ही चले गए थे, उसके बाद हमलोग खुद ही काम करा रहे हैं।” वहीं जब पत्रकारों ने इंजीनियर से फोन पर संपर्क किया, तो उन्होंने कहा कि “ग्रामीण क्षेत्र में रात 11 बजे तक काम कराया जा सकता है।” लेकिन जब उनसे नाम और पद की जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताने से इनकार कर दिया। यह रवैया और भी संदेह पैदा करता है कि आखिर रात में काम कराने की इतनी जल्दबाजी क्यों है।
जांच के दौरान यह भी पाया गया कि वहाँ काम कर रहे मजदूरों में कुछ कम उम्र के किशोर भी शामिल थे। एक युवक ने खुद को 18 साल का बताया, लेकिन उसकी कद-काठी और चेहरा स्पष्ट रूप से नाबालिग प्रतीत हो रहा था। इससे साफ संकेत मिलता है कि निर्माण कार्य में छोटे बच्चों से भी काम लिया जा रहा है, जो श्रम कानूनों का सीधा उल्लंघन है। ऐसे में ठेकेदार और विभागीय इंजीनियर की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस पर तत्काल जवाब दें।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी भवन की ढलाई रात में कराना न केवल गुणवत्ता पर असर डालता है, बल्कि यह नियमों की भी अवहेलना है। विशेषज्ञों के अनुसार, ढलाई का काम रात में करने से कंक्रीट का मिश्रण सही ढंग से सेट नहीं हो पाता, जिससे भवन की मजबूती पर असर पड़ता है। लोगों ने यह भी कहा कि दिन में काम कराने से अधिकारी और जनता दोनों निरीक्षण कर सकते हैं, इसलिए ठेकेदार जानबूझकर रात में काम कराते हैं ताकि अनियमितता छिपाई जा सके।
लोगों का सवाल है कि जब यह काम प्रखंड मुख्यालय के ठीक बीचोंबीच हो रहा है, तो प्रशासन या पंचायत प्रतिनिधियों की नजर इस पर क्यों नहीं पड़ी? क्या यह जानबूझकर की जा रही अनदेखी है या फिर इसमें किसी प्रकार की सांठगांठ छिपी है?
🎤 सुनिए क्या कह रहे हैं मुंशी और इंजीनियर —
“इंजीनियर 5 बजे चले गए थे, उसके बाद हम खुद ही काम करा रहे हैं।”
“रात 11 बजे तक ग्रामीण क्षेत्र में काम कराया जा सकता है।”
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांच कराई जाए और जो भी अधिकारी या ठेकेदार नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। लोगों का कहना है कि सरकारी भवन जनता के पैसे से बनता है, इसलिए उसमें पारदर्शिता और गुणवत्ता दोनों अनिवार्य है।
✍️ रिपोर्ट: अवतार न्यूज़, बसंतराय
📅 तिथि: 25 अक्टूबर 2025
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