कहलगांव में महागठबंधन में घमासान, RJD और कांग्रेस आमने-सामने
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कहलगांव विधानसभा सीट पर महागठबंधन में **संपूर्ण तालमेल न बनने** का मामला सामने आया है। राजद कोटे से संजय प्रसाद यादव के सुपुत्र रजनीश यादव को टिकट देकर उन्होंने आज अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इसके तुरंत बाद कांग्रेस ने भी इस सीट से अपने वरिष्ठ नेता परवीन सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार घोषित किया।
इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि महागठबंधन के भीतर **सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई**, जिससे मतदाता और कार्यकर्ता दोनों ही असमंजस में हैं। स्थानीय राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि इस तरह का मतभेद सीधे तौर पर **भारतीय जनता पार्टी (BJP)** को लाभ पहुंचा सकता है।
- RJD ने रजनीश यादव को टिकट दिया और नामांकन पूरा।
- कांग्रेस ने परवीन सिंह कुशवाहा को टिकट दे दिया — महागठबंधन में तालमेल नहीं।
- दोनों उम्मीदवारों के होने से वोट बंटेंगे, BJP को फायदा मिल सकता है।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि रजनीश यादव की क्षेत्रीय पकड़ मजबूत है और वे कई वर्षों से स्थानीय जनता के बीच सक्रिय हैं। दूसरी ओर परवीन सिंह कुशवाहा भी कांग्रेस के पुराने नेताओं में से हैं और उनके समर्थक काफी संख्या में हैं। दोनों उम्मीदवारों के मैदान में होने से **त्रिकोणीय मुकाबला** बनता दिख रहा है, जो पहले से ही भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमारे कार्यकर्ताओं की मांग थी कि कहलगांव सीट कांग्रेस को मिले, लेकिन RJD ने बिना सहमति के टिकट जारी कर दिया।” वहीं RJD समर्थकों का कहना है, “रजनीश यादव की लोकप्रियता और क्षेत्रीय कामकाज उन्हें विजेता बना सकता है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि महागठबंधन के लिए यह जरूरी है कि शीर्ष नेतृत्व **बीच में हस्तक्षेप कर तालमेल बनाए**, अन्यथा कहलगांव जैसी सीटों पर विपक्षी दलों का वोट बंट जाएगा और भाजपा को जीत का रास्ता मिल सकता है।
अभी स्थिति यह है कि कहलगांव विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला तीन धड़ों में बंट चुका है — RJD, कांग्रेस और BJP। चुनावी रणनीति और कार्यकर्ताओं की सक्रियता भविष्य में इस सीट के परिणाम तय करेगी।
स्थानीय जनता और नेताओं के लिए संदेश स्पष्ट है — इस चुनाव में **समन्वय और तालमेल का अभाव महागठबंधन के लिए चुनौती साबित हो सकता है**, और उम्मीदवारों के प्रचार एवं समर्थन की भूमिका निर्णायक रहेगी।
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