शिक्षक मंचन हांसदा की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत, बच्चे भी घायल

गोड्डा/देवघर : गोड्डा जिले के पथरगामा प्रखंड के कुमरसी गांव निवासी शिक्षक मंचन हांसदा की रविवार को एक भीषण सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह हादसा देवघर जिले के सरवा थाना क्षेत्र में उस वक्त हुआ जब वे अपने बच्चों को मधुपुर स्थित स्कूल छोड़ने जा रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सामने से तेज रफ्तार में आ रही एक बाइक से उनकी सीधी टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों बाइक सवार सड़क पर जा गिरे और गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे में मंचन हांसदा के साथ मौजूद उनका बेटा और बेटी भी घायल हुए हैं। स्थानीय लोगों ने तत्काल सभी को देवघर के अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद मंचन हांसदा को रांची रिम्स रेफर कर दिया। मगर, रांची ले जाने के क्रम में रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
शिक्षा और समाजसेवा में सक्रिय थे मंचन हांसदामंचन हांसदा बसंतराय प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों में शिक्षक पद पर कार्यरत थे। वे अपनी मेहनत, ईमानदारी और छात्रों के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे। इसके अलावा, वे सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मंचन हांसदा सिर्फ एक शिक्षक ही नहीं बल्कि गांव के हर आयोजन की पहचान थे। विशेष रूप से फुटबॉल टूर्नामेंट में वे हिन्दी और संथाली भाषा में शानदार कमेंट्री कर लोगों के बीच लोकप्रिय थे। उनकी आवाज और उत्साह से खेल आयोजनों में ऊर्जा भर जाती थी।
उनकी असामयिक मौत की खबर जैसे ही इलाके में फैली, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। कुमरसी और आसपास के गांवों के लोग उनके घर पहुंचकर परिवार को सांत्वना दे रहे हैं। साथी शिक्षकों और ग्रामीणों ने मंचन हांसदा को एक सरल, ईमानदार और सामाजिक व्यक्ति बताया है।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं प्रशासन की ओर से भी घटना की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया और दूसरे बाइक सवार की भी हालत गंभीर बताई जा रही है।
गांव के लोगों का कहना है कि मंचन हांसदा जैसे शिक्षक अब दुर्लभ होते जा रहे हैं। वे शिक्षा के साथ-साथ समाज में एकता और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उनके निधन से न केवल परिवार बल्कि पूरा क्षेत्र एक संवेदनशील शिक्षक और समाजसेवी को खो चुका है।
स्कूल के कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा — “सर सिर्फ पढ़ाते नहीं थे, बल्कि हमें जीवन जीने की सीख देते थे।”
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