झारखंड सरकार 18 नवंबर से फिर शुरू करेगी “आपकी सरकार — आपके द्वार” अभियान
पंचायत स्तर पर लिए जाएंगे सभी योजनाओं के आवेदन — महिलाओं के लिए ‘मैया सम्मान योजना’ रहेगी मुख्य आकर्षण
रांची। झारखंड सरकार ने जनता की सुविधा और सरकारी योजनाओं को घर-घर तक पहुँचाने के उद्देश्य से एक बार फिर राज्यव्यापी “आपकी सरकार — आपके द्वार” कार्यक्रम की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। इसकी आधिकारिक घोषणा हो चुकी है, और इस बार यह अभियान 18 नवंबर से पूरे राज्य में एक साथ प्रारंभ किया जाएगा।
इस विशेष जनकल्याणकारी अभियान के तहत सरकार द्वारा तय किया गया है कि हर पंचायत भवन में शिविर लगाकर जनता की शिकायतें और योजनाओं के आवेदन लिए जाएंगे। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को अब ब्लॉक या जिला मुख्यालय तक जाने की जरूरत नहीं होगी — बल्कि अधिकारी स्वयं पंचायत भवनों तक पहुँचेंगे और आवेदन मौके पर ही स्वीकार करेंगे।
🔸 इन योजनाओं के फॉर्म लिए जाएंगे
- मुख्यमंत्री पेंशन योजना
- वृद्धावस्था पेंशन योजना
- विधवा पेंशन योजना
- दिव्यांग पेंशन योजना
- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
- मुख्यमंत्री आवास योजना
- राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र
- कृषि ऋण माफी योजना
- स्वयं सहायता समूह (SHG) सहायता योजना
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
- बिजली, जलापूर्ति और स्वास्थ्य से संबंधित शिकायतें एवं आवेदन
- शिक्षा विभाग की छात्रवृत्ति योजनाएँ
इनके अतिरिक्त हर जिले में स्थानीय स्तर पर भी विशेष योजनाओं के आवेदन लिए जाएंगे, ताकि जनता को सभी सरकारी लाभ समय पर मिल सके।
🌸 महिलाओं के लिए विशेष — ‘मैया सम्मान योजना’ बनेगी अभियान का केंद्र
इस बार “आपकी सरकार — आपके द्वार” कार्यक्रम में महिलाओं के लिए विशेष रूप से शुरू की गई नई योजना — ‘मैया सम्मान योजना’ सबसे बड़ा आकर्षण रहेगा।
इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक सहयोग, स्वास्थ्य लाभ और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का लक्ष्य है। सरकार की मंशा है कि झारखंड की हर माताओं और बहनों को इस योजना के माध्यम से सम्मानजनक जीवन और आत्मनिर्भरता मिले।
इस योजना के नए आवेदन शिविरों में ही लिए जाएंगे, और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि कोई भी पात्र महिला आवेदन से वंचित न रह जाए।
🔹 जनता के द्वार तक पहुँचेगा प्रशासन
राज्य सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों, प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचल अधिकारियों और पंचायत सचिवों को निर्देश जारी किए हैं कि वे पंचायत स्तर पर व्यापक शिविरों की तैयारी करें। शिविरों की तारीखें संबंधित पंचायतों में पहले से घोषित की जाएँगी ताकि लोग अपने दस्तावेज़ों के साथ वहाँ पहुँच सकें।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि यह पहल “जनता और सरकार के बीच की दूरी मिटाने” की दिशा में एक ठोस कदम है। इसका मकसद है कि झारखंड के हर नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके गाँव में मिले।
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