6 महीने से बंद जल मीनार, चिलकड़ा गोविंद गांव में गहराया पेयजल संकट
पथरगामा प्रखंड मुख्यालय से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित
चिलकड़ा गोविंद गांव में बीते छह महीनों से जल मीनार बंद पड़ा है,
जिससे ग्रामीणों को गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
हैरानी की बात यह है कि अब तक न तो प्रखंड प्रशासन
और न ही पंचायत अथवा क्षेत्र के वर्तमान जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या पर कोई ठोस पहल की है।
ग्रामीणों श्याम देव, जगदीश, सुबोध कुमार, राहुल कुमार और शंकर कुमार ने बताया कि यह जल मीनार खरिहानी–बोगा आने-जाने वाली मुख्य सड़क पर स्थित है। जल मीनार तो लगा दिया गया, लेकिन यह अब हाथी के दांत की तरह केवल दिखावटी साबित हो रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि चिलकड़ा गांव में वर्ष 2020 में जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना के अंतर्गत सरकारी सोलर सिस्टम युक्त जल मीनार का निर्माण किया गया था, लेकिन आज तक यह योजना पूरी तरह से लाभकारी साबित नहीं हो सकी है।
गांव के लोगों का कहना है कि पेयजल संकट को लेकर कई बार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता से दूरभाष पर संपर्क किया गया, साथ ही लिखित आवेदन देकर जल मीनार की मरम्मत कराने की मांग भी की गई, लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई समाधान नहीं निकाला गया है।
वहीं जब कनीय अभियंता से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उनका मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बताया गया। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द जल मीनार की मरम्मत कर पेयजल आपूर्ति बहाल नहीं की गई, तो वे सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
ग्रामीणों श्याम देव, जगदीश, सुबोध कुमार, राहुल कुमार और शंकर कुमार ने बताया कि यह जल मीनार खरिहानी–बोगा आने-जाने वाली मुख्य सड़क पर स्थित है। जल मीनार तो लगा दिया गया, लेकिन यह अब हाथी के दांत की तरह केवल दिखावटी साबित हो रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि चिलकड़ा गांव में वर्ष 2020 में जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना के अंतर्गत सरकारी सोलर सिस्टम युक्त जल मीनार का निर्माण किया गया था, लेकिन आज तक यह योजना पूरी तरह से लाभकारी साबित नहीं हो सकी है।
गांव के लोगों का कहना है कि पेयजल संकट को लेकर कई बार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता से दूरभाष पर संपर्क किया गया, साथ ही लिखित आवेदन देकर जल मीनार की मरम्मत कराने की मांग भी की गई, लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई समाधान नहीं निकाला गया है।
वहीं जब कनीय अभियंता से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उनका मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बताया गया। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द जल मीनार की मरम्मत कर पेयजल आपूर्ति बहाल नहीं की गई, तो वे सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
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