विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर मूकबधिर, नेत्रहीन एवं स्पैष्टिक आवासीय विद्यालय, परसोती, गोड्डा में छात्र एवं छात्राओं द्वारा रंगारंग प्रस्तुति की गई।
आज विश्व दिव्यांग दिवस का आयोजन मूकबधिर, नेत्रहीन एवं स्पैष्टिक आवासीय विद्यालय, परसोती, गोड्डा में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अनुमंडल पदाधिकारी, गोड्डा बैद्यनाथ उरांव, एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से LADC अजित कुमार, स्कूल के सचिव जयकांत मरीक सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई।
उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी, गोड्डा ने बताया कि "समाज में दिव्यांगता को एक कलंक के रूप में देखा जाता है, जिसे पूर्णतः समाप्त करने की आवश्यकता है। समाज में दिव्यांगों के प्रति सम्मान और श्रद्धा लाना हम सबका कर्तव्य है।" उन्होंने कहा कि दिव्यांग दिवस मनाने का उद्देश्य जनमानस को दिव्यांगों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान देना और दिव्यांगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है।
लोहिया विकलांग सेवा समिति के सचिव जयकांत यादव ने अपने उद्बोधन में दिव्यांगों के लिए पिछले 20 वर्षों के अनुभव साझा किए और कहा कि 3 दिसंबर को केवल औपचारिकता पूरी करना ही उद्देश्य नहीं होना चाहिए, बल्कि साल के 365 दिन इनके प्रति आदर और संवेदना बनाए रखना चाहिए।
समारोह के दौरान दिव्यांगों के बीच गर्म कपड़े, स्वेटर एवं कंबल का वितरण भी किया गया। दिव्यांग बच्चों द्वारा प्रस्तुत गीत एवं नृत्य को दर्शकों ने खूब सराहा।
अनुमंडल पदाधिकारी ने मौके पर भरोसा दिलाया कि जिला प्रशासन हर समय उनके साथ है तथा जरूरत पड़ने पर यथा संभव सहयोग एवं सेवा प्रदान करेगा।
कार्यक्रम का समापन जन्मांध दिव्यांग शिक्षक सलीम के उद्गार से हुआ — "भरोसा कीजिए कि आप कर सकते हैं, इसी के साथ आप जंग जीत सकते हैं।" इसी क्रम में दिव्यांग ढेना ने भी कहा — "मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।"
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