दिनांक : 28 अगस्त 2025 को महगामा थाना क्षेत्र के कस्बा स्थित उम्मूल मोमिनिन जामिया आयशा लिल बनात मदरसा में एक नाबालिग बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया था। इस घटना को लेकर मृतका के पिता के लिखित आवेदन पर महगामा थाना कांड संख्या 175/25 विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया।
मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक गोड्डा के निर्देश पर SDPO चंद्रशेखर आज़ाद के नेतृत्व में SIT टीम का गठन किया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच
SDPO ने बताया कि मृतका का विधिवत पोस्टमार्टम कराया गया था, जिसमें मौत का कारण "हैंगिंग (फांसी)" बताया गया। रिपोर्ट मृतका के परिजनों को उसी समय उपलब्ध करा दी गई थी। घटनास्थल से फॉरेंसिक टीम द्वारा साक्ष्य एकत्र किए गए। वहीं, मदरसा प्रबंधन द्वारा एक उर्दू में लिखा सुसाइड नोट प्रस्तुत किया गया, जिसे मृतका के सलवार से बरामद किया गया बताया गया। यह नोट न्यायालय की अनुमति के बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है। मृतका के कपड़े और अन्य सामान भी FSL जांच हेतु भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
छात्राओं के बयान और सुसाइड नोट की सच्चाई
अनुसंधान के दौरान मदरसा स्टाफ, छात्राओं और उनके अभिभावकों के बयान दर्ज किए गए। कई छात्राओं ने बताया कि मृतका 17 अगस्त को घर से लौटने के बाद लगातार परेशान और उदास थी तथा आत्महत्या करने की बातें भी करती थी। उसने अपने दोस्तों से कहा था कि मां की अधिक रोक-टोक से वह बहुत परेशान रहती थी।
सुसाइड नोट को लेकर जांच में बड़ा खुलासा हुआ। मृतका की एक सहपाठी ने स्वीकार किया कि यह नोट उसने मृतका के कहने पर 26 अगस्त को लिखा था। एक अन्य छात्रा ने भी इसकी पुष्टि की। सहपाठी ने बयान दिया कि मृतका यह नोट अपने परिजनों को डराने के लिए लिखवाना चाहती थी। बाद में उसने कहा था कि इसे फाड़ दिया है। इस संबंध में बाल कल्याण समिति गोड्डा और न्यायालय के समक्ष धारा 183 के तहत रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है।
SIT की आगे की कार्रवाई
SDPO ने बताया कि सहपाठी छात्रा की लिखावट और सुसाइड नोट का मिलान कराने के लिए भी FSL को भेजा जाएगा। SIT लगातार सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है और जैसे-जैसे नए तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी लड़के की गिरफ्तारी की खबर निराधार है। पूछताछ के लिए बुलाए गए एक युवक को जब कोई सबूत नहीं मिला तो विधिवत परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया।
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