महागामा प्रखंड के नरोतमपुर गांव में लोक आस्था के महापर्व छठ के शुभ अवसर पर एक दिवसीय भव्य कुश्ती दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पारंपरिक खेल संस्कृति को जीवित रखने के उद्देश्य से आयोजित इस प्रतियोगिता में ग्रामीणों और युवाओं की भारी भीड़ उमड़ी।

नरोतमपुर कुश्ती दंगल भारी भीड़

दंगल में दूर-दराज़ के इलाकों से आए नामचीन पहलवानों ने अपने दमखम का शानदार प्रदर्शन कर दर्शकों का मन मोह लिया। दर्शकों ने हर दांव-पेंच पर तालियों की गूंज से खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया। पूरे मैदान में “जय छठी मईया” और “जोश में पहलवान” के नारों से वातावरण गूंज उठा।

प्रतियोगिता में अफसर पहलवान ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया और उन्हें ₹6100 का नकद पुरस्कार दिया गया। आजाद पहलवान ने द्वितीय स्थान प्राप्त कर ₹4100 का इनाम जीता, वहीं शंकर पहलवान को तृतीय स्थान पर आने पर ₹3100 से सम्मानित किया गया।

आयोजन का दायित्व श्री श्री 108 मां छठ पूजा समिति ने संभाला। संचालन समिति के अध्यक्ष दिलीप राज और कोषाध्यक्ष दीनबंधु उमेश ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम को सफल बनाया। आयोजकों ने बताया कि ऐसे पारंपरिक खेल न सिर्फ ग्रामीण युवाओं में जोश और एकता जगाते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति की पहचान को भी मजबूत करते हैं।

समापन समारोह में विजेता खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार और सम्मान देकर विदाई दी गई। कार्यक्रम के संचालन में स्थानीय युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने पूरी मेहनत और समर्पण से आयोजन को सफल बनाया। ग्रामीणों ने आयोजकों की सराहना करते हुए भविष्य में और बड़े स्तर पर इस तरह के आयोजन की मांग की।

नरोतमपुर कुश्ती

कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय समाजसेवी उपस्थित रहे, जिनमें पंचायत समिति सदस्य मुकेश कुमार सिंह, जिला परिषद प्रतिनिधि अब्दुल मन्नान, दीपक सिंह, प्रदीप कुमार सुमन, योगेंद्र भगत, सुबोध कुमार सोनी, काटकुल मंडल, दिवाकर सिंह, सोनी पासवान, धर्मेंद्र कुमार, राजेश कुमार सिंह, अरुण कुमार मंडल, आनंद कुमार, निरंजन सिंह, पुरुषोत्तम सिंह और नवल सिंह शामिल थे।

दंगल के आयोजन ने यह साबित किया कि आज भी गांवों में पारंपरिक खेलों के प्रति उत्साह और प्रेम बरकरार है। छठ जैसे धार्मिक पर्व के साथ खेलों का यह संगम सांस्कृतिक एकता और सामूहिकता का बेहतरीन उदाहरण बन गया।