गोड्डा जिला समाहरणालय स्थित सभागार में सोमवार को जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अंजली यादव की अध्यक्षता में सेविका एवं सहायिका चयन प्रक्रिया को लेकर एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उपायुक्त ने सभी प्रखंडों के बाल विकास परियोजना अधिकारियों (सीडीपीओ) से चयन प्रक्रिया की अद्यतन जानकारी ली और कहा कि सेविका-सहायिका के रिक्त पदों को लेकर पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से आमसभा की प्रक्रिया पूर्ण की जाए।

बैठक में उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिन पंचायतों या वार्डों में आमसभा आयोजित करने में किसी प्रकार की कठिनाई या आपत्ति आ रही है, वहां की स्थिति की रिपोर्ट तुरंत मुख्यालय को भेजी जाए ताकि उसका समाधान शीघ्र किया जा सके। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत सेविकाएं और सहायिकाएं ही पोषण अभियान, बाल विकास और मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रमों की रीढ़ हैं, इसलिए चयन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में उपायुक्त ने सभी महिला पर्यवेक्षकों से ई-केवाईसी, FRS (Fingerprint Recognition System) और आधार अपडेटेशन से संबंधित कार्यों की स्थिति पूछी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा निर्देशित सभी डिजिटल अपडेट कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए ताकि लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।

उपायुक्त ने कहा कि जिन महिला पर्यवेक्षकों का कार्य अपेक्षाकृत धीमा है, उनके क्षेत्र का निरीक्षण संबंधित सीडीपीओ स्वयं करें और रेंडम सर्वेक्षण के माध्यम से जमीनी स्तर पर स्थिति की पुष्टि करें। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे पर्यवेक्षक जिनका प्रदर्शन उत्कृष्ट पाया गया है, उन्हें झारखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।

बैठक में यह भी चर्चा हुई कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और सीडीपीओ यह सुनिश्चित करें कि आमसभा की कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग और संबंधित दस्तावेज सुरक्षित रखे जाएं। उपायुक्त ने कहा कि किसी भी शिकायत की स्थिति में प्रमाणित रिपोर्ट ही निर्णायक होगी।

बैठक में उप विकास आयुक्त दीपक कुमार दूबे, अनुमंडल पदाधिकारी (गोड्डा) बैद्यनाथ उरांव, अनुमंडल पदाधिकारी (महागामा) आलोक वरण केसरी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षक मौजूद रहे। बैठक का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग के वरीय अधिकारी द्वारा किया गया।

बैठक के अंत में उपायुक्त ने सभी अधिकारियों से कहा कि जिला प्रशासन का लक्ष्य केवल चयन प्रक्रिया पूरी करना नहीं है, बल्कि प्रत्येक पात्र महिला को सम्मानपूर्वक अवसर प्रदान करना है ताकि ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी प्रशासनिक ढांचे में और मजबूत हो सके।