सरकार का बड़ा फैसला — अब कॉल आने पर दिखेगा असली नाम, मुंबई और हरियाणा में शुरू हुआ ट्रायल
भारत सरकार ने मोबाइल कॉलिंग व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत कर दी है। अब जब भी आपके मोबाइल पर कोई कॉल आएगी, तो कॉल करने वाले व्यक्ति का असली नाम आपकी स्क्रीन पर दिखाई देगा। यह सुविधा Calling Name Presentation (CNAP) के नाम से शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य मोबाइल उपयोगकर्ताओं को फर्जी और अनजान कॉल से सुरक्षा प्रदान करना है।
CNAP के तहत हर मोबाइल ऑपरेटर अपने नेटवर्क पर ऐसा सिस्टम लागू करेगा जिससे जब कोई व्यक्ति कॉल करेगा, तो उसके नंबर के साथ-साथ उसका असली नाम भी रिसीवर की स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा।
दूरसंचार विभाग (DoT) और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने मिलकर इस परियोजना को तैयार किया है। यह नाम वही होगा जो व्यक्ति की सिम खरीदते समय KYC प्रक्रिया में दर्ज किया गया था।
इस नई व्यवस्था का परीक्षण यानी ट्रायल फिलहाल मुंबई और हरियाणा सर्किल में शुरू किया गया है। रिपोर्टों के अनुसार शुरुआती परिणाम काफी सकारात्मक रहे हैं। आने वाले महीनों में इसे देशभर में लागू करने की योजना है। CNAP को लागू करने के लिए ऑपरेटरों को अपने नेटवर्क सिस्टम में कुछ तकनीकी बदलाव करने होंगे, ताकि कॉल के साथ नाम की पहचान भी भेजी जा सके।
CNAP की मुख्य विशेषताएं:
- कॉलर का असली नाम स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा
- यह सेवा पूरी तरह मुफ्त रहेगी
- उपयोगकर्ता चाहें तो CNAP को डी-एक्टिवेट कर सकेंगे
- इसे इंटरनेट की जरूरत नहीं है
- CNAP का डेटा केवल कॉल पहचान के लिए उपयोग होगा
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि CNAP सुविधा पूरी तरह मुफ्त रहेगी। इसके लिए उपभोक्ताओं को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। यह सेवा अपने आप सभी ग्राहकों पर लागू होगी। इसका उद्देश्य है कि देश के हर मोबाइल उपभोक्ता को सुरक्षित कॉलिंग का अनुभव मिल सके।
अगर कोई उपभोक्ता अपनी जानकारी साझा नहीं करना चाहता या अपना नाम दिखाना बंद करना चाहता है, तो उसके लिए भी विकल्प रहेगा। उपयोगकर्ता चाहें तो CNAP को डी-एक्टिवेट कर सकेंगे। इसके लिए TRAI और DoT ने मोबाइल ऑपरेटरों को निर्देश दिए हैं कि वे उपयोगकर्ताओं को यह विकल्प अवश्य दें। डीएक्टिवेशन के लिए कस्टमर केयर, एसएमएस कोड या मोबाइल ऐप जैसे माध्यम उपलब्ध कराए जाएंगे।
CNAP लागू होने के बाद फर्जी कॉल, बैंक फ्रॉड और ऑनलाइन ठगी के मामलों में बड़ी कमी आने की उम्मीद है। अक्सर देखा गया है कि ठग लोग बैंक, बीमा कंपनी या सरकारी एजेंसी के नाम से कॉल करके लोगों से निजी जानकारी या पैसे ठग लेते हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार CNAP का रोलआउट चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। पहले कुछ राज्यों में इसे लागू किया जाएगा, उसके बाद पूरे देश में विस्तार होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक 2026 तक इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का लक्ष्य रखा गया है।
CNAP की एक खासियत यह भी है कि इसे इंटरनेट की जरूरत नहीं है। यह सुविधा मोबाइल नेटवर्क सिस्टम के माध्यम से काम करेगी, इसलिए यह सामान्य कॉल की तरह ही उपयोगी होगी। इसका मतलब है कि चाहे आपका इंटरनेट बंद हो या फोन में डेटा न हो, कॉलर का नाम फिर भी दिखाई देगा।
हालांकि इस व्यवस्था से गोपनीयता (Privacy) से जुड़े कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि सभी नंबरों का नाम दिखाने से निजी जानकारी साझा हो सकती है। लेकिन TRAI ने साफ कहा है कि CNAP में केवल वही नाम दिखेगा जो पहले से ही मोबाइल कंपनी के पास KYC के तहत मौजूद है, यानी इसमें कोई नई जानकारी साझा नहीं की जाएगी। साथ ही, जो लोग नहीं चाहते कि उनका नाम प्रदर्शित हो, वे इसे बंद कर सकते हैं।
कुल मिलाकर यह कदम भारत के दूरसंचार क्षेत्र में पारदर्शिता और उपभोक्ता सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक परिवर्तन साबित होगा। CNAP के लागू होने के बाद मोबाइल कॉलिंग व्यवस्था और भी अधिक विश्वसनीय बनेगी, और हर कॉल का असली चेहरा सामने आएगा।
Good
ReplyDelete