ट्रक ने टोटो को मारी जोरदार टक्कर, दो महिला घायल — एक रेफर
पथरगामा से एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है… शुक्रवार की सुबह पथरगामा थाना क्षेत्र के आईटीआई कॉलेज के पास एक तेज रफ्तार और लापरवाह ट्रक चालक ने एक टोटो में जबरदस्त टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि टोटो का अगला हिस्सा चकनाचूर होकर सड़क पर बिखर गया, और यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि टक्कर की आवाज इतनी तेज थी कि कुछ देर के लिए पूरा इलाका दहल उठा।
इस हादसे में टोटो में सवार दो महिलाएँ गंभीर रूप से घायल हो गईं। फातिमा खातून, उम्र लगभग 40 वर्ष, पति सफुर अंसारी, ग्राम रानीपुर—घटना के बाद दर्द से तड़पती हुई मिलीं। स्थानीय लोगों ने बिना समय गंवाए उन्हें पथरगामा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया, जहाँ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मोहन पासवान ने प्राथमिक उपचार किया। लेकिन उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी—तेज दर्द, भीतरूनी चोट और लगातार बेचैनी को देखते हुए उन्हें तुरंत गोड्डा रेफर कर दिया गया।
टोटो चालक को भी इस भयानक हादसे में चोटें आई हैं। चालक ने बताया कि वह रोज की तरह पथरगामा से गोड्डा की ओर जा रहा था और टोटो की रफ्तार सामान्य थी। तभी सामने से आ रहा ट्रक अनियंत्रित होकर सीधे टोटो से भिड़ गया। इतनी तेज टक्कर की वह कल्पना तक नहीं कर सकता था। चालक ने कहा कि यदि उसने तुरंत ब्रेक न लगाया होता, तो टोटो पूरी तरह पलट सकता था और कई लोगों की जान जा सकती थी।
घटना के बाद स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़े और घायलों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुँचाया। लोगों ने बताया कि टोटो में फंसी महिलाएँ दर्द से कराह रही थीं और टक्कर इतनी जोरदार थी कि टोटो का ढांचा मुड़ गया था। भीड़ में मौजूद लोगों ने एकमत होकर कहा कि यदि तत्काल मदद नहीं मिलती, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी।
सूचना मिलते ही पथरगामा पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने दुर्घटना में शामिल ट्रक की पहचान कर ली है और ट्रक चालक की तलाश तेज कर दी गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सड़क पर तेज रफ्तार वाहन लगातार दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं और प्रशासन को यहाँ स्पीड कंट्रोल, रम्बल स्ट्रिप और रात्रि गश्ती बढ़ाने की जरूरत है।
यह दर्दनाक हादसा एक बार फिर यह साबित करता है कि सड़क सुरक्षा केवल नियम नहीं, बल्कि जीवन रक्षा की अनिवार्य शर्त है। तेज रफ्तार, लापरवाही और ओवरलोडिंग जैसी समस्याएँ लगातार लोगों की जान ले रही हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है, साथ ही पीड़ित परिवार को सरकारी सहायता और घायल महिलाओं को सर्वोच्च चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की अपील की है।
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