गेरूआ नदी के उच्च स्तरीय पुल का सर्वेक्षण — संकट में दोनों राज्यों को जोड़ने वाली कड़ी

खबर के प्रकाशन के बाद गोड्डा अनुमंडल पदाधिकारी बैद्यनाथ उरांव ने भरोसा दिलाया था कि विभागीय निरीक्षण दो दिन के भीतर किया जाएगा। विशेष प्रमंडल के निर्देश पर गठित जांच टीम ने बुधवार को सनौर घाट पर जाकर गेरूआ नदी में बने उच्च स्तरीय पुल की बारीकी से जांच और सर्वेक्षण पूरा किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बसंतराय प्रखंड के डेरमा पंचायत अंतर्गत सनौर गांव में स्थित यह पुल, जो झारखंड एवं बिहार को जोड़ता है, कई हिस्सों में क्षतिग्रस्त हो चुका है। पुल के कुछ पिलर क्षतिग्रस्त पाए गए और बीच वाले भाग में हल्का-हल्का धंसना भी देखा गया, जिससे किसी भी समय बड़ी अनहोनी की आशंका स्पष्ट नजर आ रही है।


खबर प्रकाशित होने के बाद विशेष प्रमण्डल ने संज्ञान लेते हुए विभागीय अभियंता को पुल का निरीक्षण एवं सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए। विशेष प्रमंडल के गोड्डा कार्यपालक अभियंता मृत्युंजय कुमार के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय टीम ने पुल का सर्वेक्षण कर क्षतिग्रस्त हिस्सों की पहचान कर संबंधित विभाग को रिपोर्ट सौंप दी है।
सर्वेक्षण दल ने पुल के निचले तथा ऊपरी भागों की बारीकी से जांच की और आवश्यक मरम्मत व सुदृढ़ीकरण के लिए अधिकारियों की सूची तैयार कर भेजी जाएगी। बताया गया है कि यह पुल तकरीबन 14 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हुआ था तथा ऊपर से प्रतिदिन भारी व अन्य वाहनों की आवाजाही होती है। ऐसे में पुल के कमजोर भाग किसी भी पल बड़ी दुर्घटना का संकेत दे रहे थे, इसलिए विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है।
स्थानीय लोगों की मांग: क्षतिग्रस्त हिस्सों की यथाशीघ्र मरम्मत एवं पुल के वृहद सर्वे और नवीनीकरण की माँग क्षेत्रवासियों ने जोर देकर की है।
निरीक्षण दल में विशेष प्रमंडल के सहायक अभियंता राजीव रंजन सिंह, रत्नेश कुमार, कनिष्ठ अभियंता मिहिर कुमार तथा सुधीर कुमार शामिल थे। टीम ने सर्वेक्षण के बाद संबंधित विभाग को विस्तृत रिपोर्ट सौंपने की पुष्टि की है और जल्द ही आगे की औपचारिक कार्यवाही की उम्मीद जताई जा रही है।
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